Breaking

Sunday, November 23, 2025

Political history of Bakhtiyarpur 1952 to 2025

बख्तियारपुर का राजनीतिक इतिहास: सुंदरी देवी से अरुण कुमार तक - 73 साल का सफर

बख्तियारपुर (पटना): स्वतंत्रता के बाद भारत की पहली विधानसभा चुनावों से लेकर आधुनिक दौर तक, बख्तियारपुर विधानसभा सीट ने बिहार की राजनीतिक नब्ज को बारीकी से महसूस किया है। यह सीट न केवल राजनीतिक दिग्गज राम लखन सिंह यादव की कर्मभूमि रही है, बल्कि इसने स्वतंत्र बिहार की पहली महिला विधायक को भी जन्म दिया।

बख्तियारपुर विधानसभा में 1952 से 2025 तक बने सभी विधायकों की सूची

1952 में, जब देश में पहली बार आम चुनाव हुए, तब बख्तियारपुर ने एक नया अध्याय लिखा। यहाँ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की श्रीमती सुंदरी देवी ने जीत दर्ज की और इस ऐतिहासिक सीट की पहली विधायक बनीं। उनकी जीत ने यहाँ कांग्रेस के लंबे प्रभुत्व की नींव रखी।

🟢 कांग्रेस का शुरुआती प्रभुत्व (1952-1969)

1952 से लेकर 1969 तक, बख्तियारपुर विधानसभा पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वर्चस्व रहा। सुंदरी देवी के बाद, मोहम्मद सलाहुद्दीन (1957), राम यतन सिंह (1962) और धर्मबीर सिंह (1967) जैसे नेताओं ने लगातार इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया।

🔵 नए दलों का उदय और जनता लहर (1972-1980)

1970 के दशक में राजनीतिक हवा बदलनी शुरू हुई। 1972 में, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (SSP) के भोला प्रसाद सिंह ने कांग्रेस की विजय यात्रा को रोका। इसके बाद, देश में लगी 'जनता पार्टी' की लहर के तहत 1977 में भूदेव सिंह ने जीत हासिल की, जो यह दर्शाता है कि यह सीट हमेशा राष्ट्रीय राजनीतिक बदलावों के साथ चलती रही है।

🔴 राम लखन सिंह यादव का युग

1980 का दशक बख्तियारपुर के लिए एक नया अध्याय लेकर आया, जो दिग्गज नेता राम लखन सिंह यादव के नाम रहा। उन्होंने 1980 में कांग्रेस (यू) के टिकट पर जीत हासिल की। हालांकि 1981 के उपचुनाव में कांग्रेस (आई) के राम जयपाल सिंह यादव विजयी हुए, लेकिन 1985 में राम लखन सिंह यादव ने दोबारा कांग्रेस के टिकट पर वापसी की।

1990 में, राम लखन सिंह यादव ने अपनी पार्टी बदलते हुए जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की, जिससे बख्तियारपुर में कांग्रेस का युग समाप्त हुआ और मंडल राजनीति का प्रभाव शुरू हुआ।

🟠 आधुनिक दौर की राजनीति: राजद बनाम भाजपा

2000 के बाद, बख्तियारपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला।

  • 2000: भाजपा के विनोद यादव ने जीत हासिल की।

  • 2005 (फरवरी): राजद के अनिरुद्ध कुमार यादव जीते।

  • 2005 (अक्टूबर): केवल कुछ महीनों बाद हुए पुन: चुनाव में, भाजपा के विनोद यादव ने अपनी सीट वापस जीती।

इसके बाद, 2010 से लेकर 2020 तक, यह सीट मुख्य रूप से अनिरुद्ध कुमार यादव (राजद) और भाजपा के बीच बदलती रही। अनिरुद्ध यादव (2010, 2020) और भाजपा के रणविजय सिंह यादव (2015) की जीत ने इस सीट पर दोनों दलों के मजबूत आधार को स्थापित किया।

बख्तियारपुर विधानसभा के 2015 के चुनाव परिणाम बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थे, क्योंकि यह चुनाव महागठबंधन (Grand Alliance) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के बीच एक ज़बरदस्त टक्कर थी।

2015 में बख्तियारपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को हराकर जीत दर्ज की थी।  

राजनीतिक समीकरण और महत्व

  • गठबंधन का दौर: 2015 के चुनाव में RJD, JDU (जनता दल यूनाइटेड) और कांग्रेस एक साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़े थे, जबकि BJP ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और अन्य के साथ NDA बनाया था।

  • सीट बंटवारा: बख्तियारपुर की सीट NDA के तहत BJP को मिली थी, जबकि महागठबंधन के तहत यह सीट RJD के खाते में गई थी।

  • सख्त मुकाबला: यह चुनाव दिखाता है कि अनिरुद्ध कुमार (RJD) के मजबूत आधार के बावजूद, रणविजय सिंह यादव (BJP) ने कड़ा मुकाबला करते हुए 7,902 मतों के अंतर से यह सीट BJP के लिए जीती।

  • राष्ट्रीय रुझान के विपरीत: हालाँकि बिहार में समग्र रूप से महागठबंधन ने भारी बहुमत हासिल किया था (178 सीटें), लेकिन बख्तियारपुर सीट पर NDA (BJP) को जीत मिली, जो इस क्षेत्र में BJP के मजबूत स्थानीय प्रभाव को दर्शाता है।

बख्तियारपुर विधानसभा के 2025 चुनाव परिणाम हाल ही में घोषित किए गए हैं, और यह एक बहुत ही करीबी और चौंकाने वाला मुकाबला साबित हुआ है।

इस चुनाव में, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के गढ़ माने जाने वाली यह सीट, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) (LJPRV) के खाते में चली गई।

मुख्य बिंदु और विश्लेषण

  1. कांटे की टक्कर: यह चुनाव बख्तियारपुर के इतिहास में सबसे करीबी मुकाबलों में से एक था, जिसमें जीत का अंतर सिर्फ 981 वोट रहा।

  2. RJD के गढ़ में हार: अनिरुद्ध कुमार (RJD) बख्तियारपुर से एक मजबूत चेहरा थे और 2020 में उन्होंने यह सीट बड़े अंतर से जीती थी। उनकी हार RJD के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।

  3. LJPRV का उदय: चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने बख्तियारपुर में अरुण कुमार को उतारकर एक मजबूत चुनौती पेश की और जीत हासिल करके यह साबित किया कि उनका प्रभाव ग्रामीण और स्थानीय स्तर पर बढ़ रहा है।

  4. लगातार दो जीत का रिकॉर्ड टूटा: इस सीट पर यह परंपरा रही है कि कोई भी उम्मीदवार लगातार दो बार नहीं जीत पाया है। 2020 के विजेता अनिरुद्ध कुमार के साथ यह रिकॉर्ड 2025 में भी बरकरार रहा।

  5. नीतीश कुमार का पैतृक क्षेत्र: बख्तियारपुर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक क्षेत्र होने के कारण भी हमेशा सुर्खियों में रहता है, और यहाँ का परिणाम राज्य की राजनीति के लिए विशेष मायने रखता है।

बख्तियारपुर विधानसभा में 1952 से 2025 तक बने सभी विधायकों की सूची:-

वर्ष (Year)विधायक का नाम (Name)पार्टी (Party)
1952सुंदरी देवी (Sundri Devi)इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)
1957मोहम्मद सलाहुद्दीन (Mohammed Salahuddin)इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)
1962राम यतन सिंह (Ram Yatan Singh)इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)
1967धर्मबीर सिंह (Dharambir Singh)इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)
1969धर्मेश्वर सिंह (Dharmeshwar Singh)इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)
1972भोला प्रसाद सिंह (Bhola Prasad Singh)संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (SSP)
1977भूदेव सिंह (Bhudeo Singh)जनता पार्टी (JNP)
1980राम लखन सिंह यादव (Ram Lakhan Singh Yadav)इंडियन नेशनल कांग्रेस (U)
1981राम जयपाल सिंह यादव (Ram Jaipal Singh Yadav)इंडियन नेशनल कांग्रेस (I)
1985राम लखन सिंह यादव (Ram Lakhan Singh Yadav)इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC)
1990राम लखन सिंह यादव (Ram Lakhan Singh Yadav)जनता दल (JD)
1995ब्रज नंदन यादव (Braj Nandan Yadav)जनता दल (JD)
2000विनोद यादव (Vinod Yadav)भारतीय जनता पार्टी (BJP)
2005 (Feb)अनिरुद्ध कुमार यादव (Aniruddh Kumar Yadav)राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
2005 (Oct)विनोद यादव (Vinod Yadav)भारतीय जनता पार्टी (BJP)
2010अनिरुद्ध कुमार यादव (Aniruddh Kumar Yadav)राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
2015रणविजय सिंह यादव (Ranvijay Singh Yadav)भारतीय जनता पार्टी (BJP)
2020अनिरुद्ध कुमार यादव (Aniruddh Kumar Yadav)राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
2025अरुण कुमार (Arun Kumar)लोक जनशक्ति पार्टी (LJP-RV)

 

No comments:

Post a Comment